30 December 2011

ताऊ का फोन और सांपला ब्लॉगर्स मीट के बारे में

कल शाम ऑफिस से घर वापिस जाते हुये  ट्रेन से उतरा ही था कि मेरा फोन बजा। उधर से ताऊ बोल रहे थे। ताऊजी ने बताया कि दिल्ली आये हुये हैं और श्री राज भाटिया जी से बात करना चाहते हैं और उनका नम्बर 09999611802 बंद आ रहा है।  मैनें बताया कि राज जी तो 28-12-2011 की रात 10:00 बजे की उडान से जर्मनी पहुंच चुके होंगे और अब 0999611802  पर राज भाटिया जी से बात नहीं की जा सकती है। फिर मैनें ताऊजी को सांपला ब्लॉगर्स मिलन के बारे में बताया। ताऊजी आजकल अन्तर्जाल से दूर हैं, इसलिये उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी। मैनें भी ताऊजी को या किसी भी ब्लॉगर को ईमेल या फोन नहीं किया था। हालांकि एक-दो  ब्लॉगर्स इस मीट के बारे में जानते हुये और सांपला आने का मन होते हुये भी शायद इसी वजह से नहीं आये होंगे, ऐसा मुझे लगता है।  मुझे कहा भी गया था कि फलाने-फलाने को निमंत्रण दे देना। लेकिन मेरा विचार ये है कि सबको मेल द्वारा निमंत्रण देना संभव नही हो सकता था। मैं बहुत सारे ब्लॉग्स को फॉलो करता हूं और सभी ब्लॉगर्स मेरे लिये सम्मानीय है। इनमें से कुछ को व्यक्तिगत मेल या फोन करना मुझे दूसरों के साथ फर्क करने का अहसास दिलाता।

इस मीट की नींव पिछले साल तिलयार झील पर हुई ब्लॉगर्स मीट के समय ही पड गई थी। सांपला सांस्कॄतिक मंच पिछले वर्ष करवाये कवि सम्मेलन की सफलता से उत्साहित था और अपनी दूसरी भव्य प्रस्तुति के लिये शुभ-मूहर्त निकलवा रहा था। 14  से 28 दिसम्बर के मध्य राज जी भारत प्रवास पर आ रहे थे। राज जी यहां आने पर भारतीय ब्लॉगर्स से मिलने का बहाना ढूंढते हैं, लेकिन कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलना मुश्किल होता है। बस 24 तारीख फिक्स हो गई और दिन में ब्लॉगोत्सव करवाने का निर्णय लिया गया। पहले इस मीट का आयोजन मैं और राज जी करना चाहते थे, लेकिन सांपला सांस्कॄतिक मंच ने इस मीट का आयोजक बनने की इच्छा जाहिर की।

कुछ लोग ऐसी ब्लॉगर्स मीट पर प्रश्नवाचक दॄष्टि रखते हैं। उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि ब्लॉगिंग उत्थान संबधिंत गंभीर मसलों पर विचार के लिये तो ब्लॉगपोस्ट से बढिया क्या हो सकता है। और ये ब्लॉगर मीट तो केवल मिलने-मिलाने के लिये ही थी। आभासी रिश्ते जब आमने-सामने होते हैं तो कितने ही वास्तविक रिश्ते फीके लगने लगते हैं, इन रिश्तों गन्नों की मिठास तो इन्हें खाने वाला ही जान सकता है। दूसरी बात इस मीट से पहले जिस क्षेत्र में कोई ब्लॉग शब्द को नही जानता था, वहां से 4-5 नये ब्लॉगर्स पैदा होने के लिये तैयार खडे हैं तो क्या ये बात हिन्दी ब्लॉगिंग के लिये बुरी है। ऐसी ब्लॉगर्स मीट से एक उत्साह पैदा होता है, जो ब्लॉगिंग में ऊब रहे लोगों में ऊर्जा का संचार भी करता है।

मैं सभी मित्रों का हार्दिक धन्यवाद और आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने अपना अमूल्य समय खर्च करके और ठंड में लंबी यात्रा की परेशानियों को झेलते हुये सांपला ब्लॉगर्स मिलन में उपस्थिति दी। सुश्री संगीता पुरी जी और श्री ललित शर्मा जी ने प्रॉक्सी अटेंडेंस भी लगाने की कोशिश की थी।  इनका फोन आना ये दर्शाता है कि इन ब्लॉगर्स का मन तो सांपला में ही है पर किन्हीं मजबूरियों की वजह से नहीं आ पाये हैं।

बहुत सारी बातें कहनी हैं लेकिन धीरे-धीरे कह पाऊंगा। अभी तो प्रणाम स्वीकार करें।

सांपला ब्लॉगर्स मीट से जुडी अन्य पोस्ट

अनोखी यात्रा………….अनोखे पल

सांपला ......एक मुलाकात , हरियाणा के गांव की ,अंतर्जाल के बाशिंदों से

जब अलबेला खत्री स्टेशन से उठाए गए … सांपला ब्लागर मीट 24-12-11 (भाग-1)

कवि सम्मेलन और रज़ाई वार्ता … सांपला ब्लागर मीट 24-12-11 (भाग-2)

कमाल है ब्लोग्गेरो के मेल-जोल होने पर भी कसी को किसी तरह का द्वेष हो सकता है....?(कुँवर जी)
सांपला, ब्लॉगर मीट, अन्ना भाई...खुशदीप
SAMPLA BLOGGER MEET साँपला ब्लॉगर मिलन 1
"SAMPLA BLOGGER MEET साँपला ब्लॉगर मिलन समापन किस्त "
 

19 December 2011

महफिल सजी है आजा…………॥

"हर बात का वक्त मुकर्रर है, हर काम की शात होती है
वक्त गया तो बात गयी, बस वक्त की कीमत होती है"
देर ना हो जाये कहीं देर ना हो जायें
महफिल सजी है आजा, के तेरी कमी है आजा
ख्वाबों की कसम तुझे ख्यालों की कसम है
आजा के तुझे चाहने वालों की कसम है

आयोजन, स्थल, रास्ते, समय आदि की पूरी और विस्तृत जानकारी के लिये नीचे दिये लिंक्स पर क्लिक करें।
कौन-कौन आ रहा है एक बार फिर से नजर मार लें और जिनके नाम निम्न सूचि में नहीं हैं कृप्या टिप्पणी ईमेल या फोन द्वारा इन नम्बरों पर श्री राज भाटिया जी को 09999611802 या अन्तर सोहिल (मुझे) को 09871287912 पर अपने आने की खुशखबरी जल्द दें।
श्री सतीश सक्सेना जी  की भी आने की पूरी संभावना है।

06 December 2011

Two Donkeys that live happily together!

पिछले साल एक पोस्ट लिखी थी क्या गधा सचमुच गधा होता है? जो साबित करती थी कि गधा अपने नाम जितना गधा नहीं होता। मेरी शादी के बाद मुझे यह अनुभव तो हो गया कि पति गधा होता है (अजी गधा नहीं होता तो शादी क्यों करता?) लेकिन क्या पत्नी भी??? पति-पत्नी बराबर होते हैं उन दो गधों के जो साथ-साथ रहते हैं। यह सिद्ध करती ईमेल मुझे मिली है। तो आप भी जान लीजिये कैसे?

Equation 1

Human = eat + sleep + work + enjoy
Donkey = eat + sleep

गूगल से साभार
Therefore:
Human = Donkey + Work + enjoy

Therefore:
Human-enjoy = Donkey + Work

In other words,
A Human that doesn't know how to enjoy = Donkey that works.

Equation 2

Man = eat + sleep + earn money
Donkey = eat + sleep

Therefore:
Man = Donkey + earn money

Therefore:
Man-earn money = Donkey

In other words,
Man who doesn't earn money = Donkey

Equation 3

Woman= eat + sleep + spend
Donkey = eat + sleep

Therefore:
Woman = Donkey + spend
Woman - spend = Donkey

In other words,
Woman who doesn't spend = Donkey

To Conclude:
From Equation 2 and Equation 3
Man who doesn't earn money = Woman who doesn't spend
So Man earns money not to let woman become a donkey!
And a woman spends not to let the man become a donkey!

So, We have:
Man + Woman = Donkey + earn money + Donkey + Spend money

Therefore from postulates 1 and 2, we can conclude
Man + Woman = 2 Donkeys that live happily together!